पहले के जमाने में गुरु और शिष्य की बातें बिल्कुल अलग थी आज के युग में कोई अगर किसी सन्त या ऋषि को देखते हे तो सिर्फ यही सोचते ये की ये कुछ मानंगे आ गए
You are viewing a single comment's thread from:
पहले के जमाने में गुरु और शिष्य की बातें बिल्कुल अलग थी आज के युग में कोई अगर किसी सन्त या ऋषि को देखते हे तो सिर्फ यही सोचते ये की ये कुछ मानंगे आ गए